निर्भया केस की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाईः अक्षय के वकील ने की अपील, न दें मौत की सजा
चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने मंगलवार को निर्भया गैंगरेप मामले में फांसी की सजा पाए चार दोषियों में से एक अक्षय कुमार सिंह की ओर से पुनर्विचर याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग करने के बाद अब बुधवार(18 दिसंबर) को नई पीठ इस याचिका पर सुनवाई कर रही है।

अदालत में किसने क्या कहा-



  • अदालत ने दोषी अक्षय के वकील से कहा कि आपके पास आधा घंटा है।

  • जब दोषी के वकील ने जांच पर सवाल उठाया तो अदालत ने कहा कि अब जांच पर सवाल नहीं उठाए जा सकते हैं।

  • यह भी सामने आया है कि निर्भया के दोषी के वकील एपी सिंह ने अदालत को बताया कि उनके पास अब नए तथ्य हैं।

  • दोषी के वकील ने अदालत में ये भी कहा है कि उसके मुवक्किल को मीडिया, जनता और राजनीतिक दबाव में दोषी ठहराया गया था और वह दबाव आज भी बरकरार है।

  • वकील एपी सिंह ने निर्भया के दोस्त जिक्र करते हुए कहा कि वह पैसे लेकर मीडिया को बयान दे रहा था, इसकी शिकायत सह आरोपी के पिता ने की है और वह मामला कोर्ट में लंबित है।

  • दोषी के वकील ने ये भी कहा कि अक्षय का परिवार पीड़ा भोग रहा  है।

  • वकील ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि अक्षय को मौत की सजा न दी जाए।

  • वकील एपी सिंह ने कहा कि आरोपी राम सिंह जिसने तिहाड़ में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी उसके विसरा में शराब पाई गई थी। उसकी जांच क्यों नहीं हुई। आखिर जेल में बंद एक कैदी को शराब कैसे मिली इस बात की जांच क्यों नहीं हुई।

  • कितने साल से देश की जेलों में सैकड़ों बड़े अपराधी बंद हैं उन्हें कोई सजा नहीं हुई, अक्षय को भी फांसी मत दीजिए, यह सब राजनीतिक दबाव के चलते हो रहा है।

  • पीड़िता के बयान पर भी सवाल उठाए गए हैं, वकील एपी सिंह ने कहा कि पीड़िता लगातार मॉर्फिन के नशे में थी वह कैसे बयान दे सकती  है।

  • वकील ने एक बार फिर से द्वापर और त्रेता युग का उदाहरण देते हुए कहा कि तब लोगों की उम्र लंबी होती थी अब तो वैसे ही लोगों की उम्र कम हो गई है, इसलिए उन्हें मौत की सजा न दी जाए।

  • वकील ने ये भी कहा कि फांसी मानवाधिकारों का हनन है, इसलिए फांसी की सजा न दी जाए।

  • वकील ने एक बार फिर कहा कि लोग यहां प्रदूषण से मर रहे हैं, फांसी न दी जाए।

  • एपी सिंह ने ये भी कहा कि इस मामले में जो बस थी उसे सीसीटीवी की मदद से ढूंढा गया फिर पुलिस स्टेशन की बजाय त्यागराज स्टेडियम में रख दिया गया, ये भी सवाल खड़े करता है कि ऐसा क्यों हुआ।



 

मंगलवार को अदालत में क्या हुआ
मंगलवार को अक्षय की पुनर्विचार याचिका चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस आर भानुमति औश्र जस्टिस अशोक भूषण की पीठ केसमक्ष सूचीबद्ध थी। अक्षय के वकील एपी सिंह ने बहस की शुरुआत करते हुए इस मामले में जांच के तरीके पर सवाल उठाया।

इसी दौरान पीठ के सदस्यों ने पूर्व आदेशों पर गौर करने के बाद पाया कि चीफ जस्टिस के एक रिश्तेदार इस मामले में पीड़ित पक्ष की ओर से पैरवी कर चुके हैं। इसके बाद चीफ जस्टिस बोबडे ने खुद को इस मामले से अलग कर लिया।

दिल्ली पुलिस की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अगर चीफ जस्टिस इस पीठ का हिस्सा भी रहे तो अनुचित नहीं है। लेकिन चीफ जस्टिस ने इस मामले की सुनवाई से खुद को अलग रखना ही बेहतर समझा।